टेकफॉग: नफरत का ऑटोमेटिड टूलकिट

January 16, 2022 1 By Yatharth

एम असीम

टेकफॉग बीजेपी आईटी सेल द्वारा प्रयोग किया जाने वाला वह एप है जिसके द्वारा वह मिनटों-घंटों में स्वचालित तरीके से सोशल मीडिया के ट्विटर, फ़ेसबुक, व्हाट्सप्प, शेयरचैट, आदि प्लाटफ़ॉर्मों के जरिए अपने प्रचार, विरोधियों पर हमले और नफरती दुष्प्रचार का ऐसा तूफान छेड़ती है जिससे ऐसा लगता है जैसे उसके पक्ष में लाखों लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हों और विरोधियों की आवाज उस तूफान में दब कर रह जाए। अप्रैल 2020 में नौकरी का वादा पूरा न होने पर बीजेपी आईटी सेल की एक पूर्व सदस्य आरती शर्मा ने एक ट्वीट में इस एप का नाम जाहिर कर दिया गया था। इसके बाद दो पत्रकारों द्वारा लंबी जांच पड़ताल की रिपोर्ट ‘द वायर’ ने 3 किश्तों में प्रकाशित की है, जिसके मुख्य बिन्दु निम्न हैं:

  1. यह एप विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर खुद बड़ी संख्या में अकाउंट बना सकता है जिनके जरिए एक ही व्यक्ति इन प्लेटफ़ॉर्म के वैलिडेशन्स को बाइपास कर उन पर मनचाहे पोस्ट/मेसेज आदि कर सकता है। इससे लगेगा कि बहुत सारे लोग वही बात कह रहे हैं। इस जरिए हजारों-लाखों मेसेज के जरिए सोशल मीडिया पर मनचाहे ट्रेंड्स को कुछ ही देर में शीर्ष पर लाया जा सकता है।
  2. इसके जरिए बीजेपी आईटी सेल के लोग दूसरों के निष्क्रिय व्हाट्सप्प अकाउंट में सेंध लगा कर उसके कॉन्टैक्ट्स को मनचाहे संदेश भेज सकते हैं जिससे लगेगा कि वह व्यक्ति खुद ऐसे संदेश भेज रहा है। बहुत सारे व्हाट्सप्प ग्रुप का प्रबंधन भी इसके जरिए मुमकिन है।
  3. बीजेपी का विरोध करने वाले मुखर पत्रकारों/बुद्धिजीवियों/कलाकारों वगैरह को निशाना बनाने के लिए एप में एक्सेल शीट को जोड़कर उन्हें स्वचालित ढंग से भारी संख्या में गालियां, अपशब्द, धमकियाँ, आदि भेजे जा सकते हैं, उनके पोस्ट/ट्वीट आदि के मनचाहे जवाब भेजे जा सकते हैं और उनकी बातों पर कुतर्क भरे सवाल किये जा सकते हैं। इसके जरिए सरकार व बीजेपी पर प्रश्न उठाने वाली कुछ प्रमुख महिला को पत्रकारों खास तौर पर निशाना बनाया गया और उन्हें लाखों ट्वीट के जरिए रंडी, वेश्या, देशद्रोही, आदि से लेकर बहुत कुछ कहा गया, उन्हें व उनके परिवारों को हत्या व बलात्कार जैसी धमकियाँ दीं गईं।
  4. सोशल मीडिया में यह खोजकर कि कौन सरकार पर सवाल उठा रहा है उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ स्वचालित ढंग से की जा सकती हैं।
  5. पहले तबलीगी जमात के खिलाफ और फिर सीएए आंदोलन के वक्त दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिए इस एप का प्रयोग किया गया। 
  6. इस काम के लिए शेयरचैट जैसे और भी कई आईटी टूल्स का सहारा लिया जाता है। इसके जरिए पहले क्या फैलाना है वह तय कर लिया जाता है फिर टेकफॉग के जरिए उसे बड़े पैमाने पर फैलाया जाता है।    

अर्थात टेक फ़ॉग बीजेपी दुष्प्रचार और नफरती अभियान का टूलकिट है।