गीत / कैलाश मनहर

January 17, 2022 0 By Yatharth

अट्टहास करता है
जब हत्यायें
करता तानाशाह ।

जो प्रतिरोध
करे उस पर ही
वक्र दृष्टि
पड़ती है अक्सर ।
तेज़ धार
तलवार चला
करती है सच
कहने वालों पर ।।

अँधभक्त होते हैं
हरदम ही तो
बस
उसके हमराह ।।

अल्पसंख्यकों
और विधर्मी
लोगों को वह
लक्ष्य बनाता ।
लहू देख कर
लोगों का वह
अत्याचारी
खुशी मनाता ।।

सुनना चाहता
हताहतों की
हर क्षण पर वह
दुखित कराह ।।