स्तालिनग्राद के लिए प्रेम गीत

March 25, 2022 0 By Yatharth

पाब्लो नेरूदा

[हिंदी अनुवाद : एस वी सिंह]

स्तालिनग्राद की तारीखी जंग में रूसी लाल सेना व सोवियत नागरिकों की (नाजी) फासिस्टों पर हुई ऐतिहासिक जीत की 79वीं वर्षगांठ
(2 फरवरी 1943-2022)

नाजी जर्मनी के सोवियत रूस पर आक्रमण के बाद शुरू हुई स्तालिनग्राद की जंग इतिहास की सबसे रक्तरंजित जंगों में से एक है, जिसे सोवियत रूस की लाल सेना व आम जनता ने फासीवादी नाजी सत्ता के खिलाफ वीरतापूर्वक लड़ा था पांच महीने तक चली इस जंग का अंत नाजियों की पहली हार से हुआ जिसे उस वक्त तक एक अजेय ताकत माना जाता था

क्रांतिकारी कवि पाब्लो नेरूदा ने द्वितीय विश्व युद्ध और खास तौर से स्तालिनग्राद की जंग के दौरान सोवियत जनता और लाल सेना की बहादुरी से प्रेरणा पाते हुए 1942 में एक कविता लिखी जिसका शीर्षक था “स्तालिनग्राद के लिए प्रेम गीत”।

नीचे इसी कविता के एक अंश का एस वी सिंह द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद प्रकाशित किया गया है।

रक्त रंजित रूई के एक क़तरे को मेरे लिए बचा लेना

एक जंगी राएफल और एक हल मेरे लिए

उन्हें मेरी क़ब्र पर रख दिया जाए

खून से लाल हुई तुम्हारी मिट्टी का एक एक कण

ये ऐलान करेगा, अगर किसी को शक़ है

कि तुमने मुझे प्यार किया और मैं तुम्हें प्यार करते हुए मरा

अफ़सोस, मैं तुम्हारे कंधे से कंधा मिला नहीं लड़ पाया

मैं तुम्हारी शान में ये एक काला ग्रनेड छोड़े जा रहा हूँ

प्यार का ये एक गीत, ओ मेरे प्यारे स्तालिनग्राद!