मासाका पूर्वी भारत मजदूर कन्वेंशन कोलकाता में संपन्न

August 3, 2022 0 By Yatharth

लेबर कोड्स को रद्द कराने एवं मांगों के साथ 13 नवंबर 2022 को‘दिल्ली चलो’ आह्वान!

2 जुलाई के कन्वेंशन में मजदूरों को बंधुआ बनाने वाले 4 लेबर कोड्स और निजीकरण-ठेकाकरण की नवउदारवादी नीतियों का जोरदार प्रतिवाद हुआ और कोड्स को रद्द कर मजदूरों के हक में श्रम सुधार करने की मांग बुलंद हुई।

मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) की पूर्वी भारतीय कमेटी की ओर से एकदिवसीय मजदूर कन्वेंशन काफी गहमागहमी के साथ संपन्न हुआ। मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द कराने के लिए दिल्ली कूच और राष्ट्रपति को ज्ञापन देने का ऐलान हुआ। इसके साथ मजदूरों के हित में श्रम सुधार करने तथा श्रम कानूनों को पूरे देश में सख्ती से लागू करने; निजीकरण व ठेकाकरण जैसी नवउदारवादी नीतियों पर तत्काल रोक लगाने, सभी सेक्टरों में स्थाई काम पर स्थाई रोजगार की नीति लागू करने; बेरोजारी, सेना में भी ठेका प्रथा, व समाज के सैन्यीकरण को बढ़ावा देने वाली ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल वापस लेने; भाजपा आरएसएस द्वारा चलाई जा रही नफरत व सांप्रदायिकता की राजनीति तथा अल्पसंख्यकों व विरोध की आवाजों को कुचलने हेतु चल रहे “बुलडोजर राज” पर तत्काल रोक लगाने तथा समस्त आंदोलनकारियों व बेगुनाह जनता की तत्काल रिहाई और सभी दर्ज झूठे मुकदमे वापस लेने का प्रस्ताव पारित हुए।

मासा ने ऐलान किया कि 13 नवंबर 2022 को देश की राजधानी दिल्ली में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन और मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं पर हस्ताक्षर करने वाले देश के राष्ट्रपति भवन मजदूर कूच करेंगे और चारो श्रम संहिताओं को रद्द करने की मांग बुलंद करेंगे। सरकार द्वारा मेहनतकशों के खिलाफ जंग के विरुद्ध आवाज बुलंद करने के आह्वान के साथ कन्वेन्शन समाप्त हुआ।

कोऑर्डिनेशन कमेटी,       

मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (MASA)