बिहार के गया में भूमाफियायों द्वारा गरीब महादलितों पर फायरिंग की घटना के खिलाफ और जमीन, रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य की मांग पर सजमो का जोरदार विरोध प्रदर्शन

September 18, 2022 0 By Yatharth

जमीनी रिपोर्ट

सर्वहारा जन मोर्चा

गया, 22 अगस्त 2022 : बोधगया के नावां गांव में भूमाफियाओं द्वारा दलितों की जमीन पर कब्जा की घटना पुरानी है और इसके खिलाफ वहां की जनता लगातार अलग-अलग जनतांत्रिक तरीकों से संघर्ष करती रही है। इधर पिछले साल से वहां की जनता ने सरकारी नेताओं को छोड़कर खुद की ताकत के बल पर लड़ने का मन बनाया और संघर्ष की शुरुआत की जिससे ही बौखला कर और दूसरे की जमीन को अपनी जमीन बताकर कब्‍जा करने की नियत से भूमाफियाओं द्वारा हालिया तौर पर गुंडागर्दी एवं फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया, जबकि पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। हालांकि‍ निहत्‍थी बहादुर जनता ने रायफलधारियों को ही गिरते-पड़ते भागने पर मजबूर कर दिया। इसके दो दिनों बाद ही कई गांवों की जनता ने गया जिलाधिकारी के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया और उन्‍हें सामने आकर वार्ता करने को मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारी गरीब जनता ने जिलाधिकारी को अन्‍य मुद्दों जैसे भूमिहीनों को सरकारी घोषणानुसार जमीन आवंटित करने तथा रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य की मांग को पूरा करने आदि को लेकर भी घेरा। सर्वहारा जन मोर्चा के आह्वान पर जिले के कई प्रखंडों के गांवों की जनता ने गया की सड़कों पर तमाम घेरेबंदी के बावजूद खुलकर जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय को घेरने के लिए  जुलूस किया और फिर बाद में गया शहर में ही आम सभा का आयोजन किया गया। 

आज ही के दिन गया में बिहार मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के आगमन के कारण पूरे शहर में आवाजाही को लगभग रोक दिया गया था। इसी क्रम में जुलूस को भी प्रशासन द्वारा सिकड़िया मोड़ पर रोका गया लेकिन सजमो कार्यकर्ताओं व जनता के दृढ़ निश्चय की बदौलत वे आगे बढ़ चले और जिलाधिकारी को स्वयं जनता के समक्ष आने और ज्ञापन लेने और जनता से वार्ता करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद गया मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पास स्थित ग्राउंड में शाम 3 बजे तक आम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें आगे के संघर्ष के विषय पर कार्यकर्ताओं व गांववासियों ने अपने विचार खुलकर रखे। गुंडागर्दी के कारण रोष से भरे गांववासियों ने सभा में भू-माफिया व दलालों से खुलकर लोहा लेने और संघर्ष को तेज करने की बात दुहराई। सभा में नावां व आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में जनता के साथ-साथ सजमो के परैया व टेकारी प्रखंड कमिटी के भी सदस्य शामिल हुए। दर्जनों गांववासियों ने वक्तव्य रखा और महिलाओं व कुछ पुरुष साथियों ने जोशीले क्रांतिकारी गीत भी प्रस्तुत किए।

सभा के अंत में सर्वहारा जन मोर्चा के बिहार सचिव कॉम सौजन्य ने अपनी बात में जनता को उनकी जीवन-जीविका से जुड़ी मांगों व जमीन की लड़ाई को जमीन पर लड़ने की तैयारी करने का आह्वान किया। साथ ही अधिकारियों को चेताया कि जनता को लड़ाई तेज करने पर मजबूर न किया जाए और इसके लिए उनकी मांगों पर कार्रवाई सहित दलाली, गुंडागर्दी इत्यादि से उन्हें मुक्त किया जाए। मजदूर एकता जिंदाबाद व पूंजीवाद, गुंडागर्दी और सभी तरह के उत्पीड़न के खात्मे पर जोशीले गगनचुंबी नारों के साथ सभा का अंत किया गया।

कार्यकर्ता सम्‍मेलन का आयोजन 

इसके कुछ ही दिनों बाद, यह देखते हुए कि गया के लोगों का संघर्ष निर्णायक मोड़ पर जा रहा है और भूमाफियाओं की तरफ से हिंसा की शुरुआत भी हो चुकी है, सजमो ने तुरंत ही गया के कार्यकताओं का एक सम्‍मेलन बुलाना उचित समझा ताकि गांवों की जनता को गांव-गांव में अपनी संगठन क्षमता बढ़ाने और दृढ़तम कार्यकर्ताओं की टोली बनाने में तेजी से आगे बढ़ाने का आह्वान करने के साथ-साथ किसी भी तरह के भटकाव (जैसे आनन-फानन में तथा उकसावे में आकर हथियारों के खिलाफ हथियारों का इस्‍तेमाल जैसे भटकाव) के शिकार होने से जनता को समय रहते शिक्षित किया जा सके। कार्यकर्ता सम्‍मेलन में यह बात जोर देकर कही गयी कि यह लड़ाई महज एक गांव एवं जमीन के एक टुकड़े के लिए नहीं है बल्कि‍ समूचे मेहनतकश वर्ग की समूल पूंजीपति वर्ग से मुक्ति की लड़ाई का हिस्‍सा है और इसलिए ऐसे मोड़ पर वामपंथी भटकाव से बचना जरूरी है। साथियों को यह बताया गया कि पूरी दुनिया में संघर्ष तेज हो रहा है क्‍योंकि पूंजीपतियों का हमला भी तेज हो रहा है और यह कि मेहनतकश जनता जल्‍द ही शोषण एवं दमन की मुक्ति से पूर्ण मुक्ति पाने की स्थिति में होगी।

बिहार राज्य कमिटी, सर्वहारा जन मोर्चा

गया के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन, गांधी संग्रहालय, पटना

ज्ञापन सौंपने के पश्चात् सर्वहारा जन मोर्चा की सभा