Category: मजदूर आवास

November 15, 2022 0

पूंजीवाद के स्वर्ग अमरीका में दर-दर की ठोकरें खाते बेघर मेहनतकश लोग

By Yatharth

सुखदेव पूंजीवाद के ‘स्वर्ग’ अमेरिका में सब ठीक-ठाक नहीं है। साम्राज्यवादी पूंजी के बड़े चौधरी अमरीका में जहां एक तरफ…

September 11, 2021 0

खोरी बस्ती ढह चुकी है, मी लॉर्ड!!

By Yatharth

देश के सारे संसाधन चंद हाथों में सिमटते जा रहे हैं, पूंजी के पहाड़ संख्या में कम लेकिन दैत्याकार होते जा रहे हैं। अर्थनीति के अनुरूप ही सत्ता का राजनीतिक स्वरूप भी तेज़ी से राज्यों के हाथों से निकलकर केंद्र के हाथों में केंद्रीकृत होता जा रहा है। ‘हम दो – हमारे दो’ का नारा संसद से सडकों, किसान आन्दोलनों तक फैलता जा रहा है। क्रांतिकारी राजनीति का दावा करने वालों का, लेकिन, इस वस्तुस्थिति से बे-खबर, वही ‘अपनी ढपली-अपना राग’ यथावत ज़ारी है।