Category: इतिहास के पन्ने

January 18, 2022 0

व्लादिमीर लेनिन
विश्व सर्वहारा के महान शिक्षक और अक्टूबर क्रांति के अग्रणी नेता की 98वीं पुण्यतिथि (22 अप्रैल 1870 – 21 जनवरी 1924)

By Yatharth

वह एक तूफानी साल (लेनिन की एकमात्र कविता) लेनिन की कविता नाम से काफी दिनों से इंटरनेट पर एक पोस्टर-कविता प्रचालन…

November 14, 2021 0

महान नवम्बर क्रांति की याद में

By Yatharth

हालाँकि मज़दूर वर्ग के ये शानदार विद्रोह कुचल दिए गए लेकिन आगे और विद्रोह होंगे और उनसे मुकाबले में सर्वहारा वर्ग के दुश्मनों की सभी शक्तियां प्रभावहीन हो जाएंगी और उनमें से समाजवादी सर्वहारा पूरी तरह अजेय होकर निकलेगा”।

September 11, 2021 0

पार्टी के अंदर नस्लवाद से कैसे लड़े अमरीकी कम्युनिस्ट?

By Yatharth

हालांकि नस्लवाद, जातिवाद, राष्ट्रवाद, आदि अलग-अलग समस्याएं हैं और इनकी अपनी अलग विशिष्टतायें हैं, परंतु नीचे दिया गया अंश इस बात का एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि एक क्रांतिकारी पार्टी को अपने भीतर इन प्रभुत्ववादी प्रवृत्तियों से निपटने के लिए कैसे एक सजग एवं सिद्धांत पर दृढ़ पार्टी के रूप में संघर्ष चलाना चाहिए। यह इसलिए भी खास है कि भारतीय समाज में ये सभी प्रवृत्तियां अभी गहराई तक मौजूद हैं

September 11, 2021 0

संताल हुल: एक अशेष विद्रोह

By Yatharth

1855 का संताल हुल आदिवासियों के साहस और प्रतिशोध की गाथा है; शोषण के प्रतिकार और अपने अस्तित्व को बचाने की कहानी है। इतिहास के पन्नों में हुल को एक ऐसी घटना के रूप में अंकित किया जाता है जिसकी एक निश्चित शुरुआत हुई और फिर एक निश्चित अंत हुआ। प्रस्तुत लेख का मानना है कि हुल की शुरुआत तो हुई, लेकिन उसका अंत नहीं हुआ।