Category: विरासत

September 17, 2022 0

मराठी के जनकवि लोकशाहीर अन्ना भाऊ साठे जिन्हे महाराष्ट्र का गोर्की कहा गया

By Yatharth

सुबोध मोरे (क्रांतिकारी लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे के जन्मदिवस पर उनके जीवन और योगदानों को याद करते हुए, दो साल पहले…

September 11, 2021 0

संताल हुल: एक अशेष विद्रोह

By Yatharth

1855 का संताल हुल आदिवासियों के साहस और प्रतिशोध की गाथा है; शोषण के प्रतिकार और अपने अस्तित्व को बचाने की कहानी है। इतिहास के पन्नों में हुल को एक ऐसी घटना के रूप में अंकित किया जाता है जिसकी एक निश्चित शुरुआत हुई और फिर एक निश्चित अंत हुआ। प्रस्तुत लेख का मानना है कि हुल की शुरुआत तो हुई, लेकिन उसका अंत नहीं हुआ।