मजदूर वर्ग के क्रांतिकारी स्वरों एवं विचारों का मंच
ये कानून जहां तात्कालिक तौर पर मजदूर आंदोलन के अंदर कई तरह की बाधायें खड़ा कर रहे हैं और करेंगे, वहीं दूरगामी तौर पर मजदूर आंदोलन की क्रांतिकारी जमीन को भी ये सिंचित तथा पुष्ट कर रहे हैं। जरूरत है कि मजदूर वर्गीय ताकतें ‘तात्कालिक’ में ‘दूरगामी’ के बीज बोने में सक्षम हों और मोदी सरकार हमें मजदूर आंदोलन में इसके लिए (तात्कालिक से दूरगामी को जोड़ने के लिए) जो उत्तम अवसर दे रही है उसे दोनों हाथों से थाम लेने की है। जाहिर है, हम अगर पूरे परिदृश्य को तात्कालिकता की नजर से नहीं, समग्रता में देखना शुरू कर देते हैं तो हम जल्द ही देखेंगे कि आज की मायूसी खत्म हो रही है, मजदूर आंदोलन का नया सूर्य चमक रहा है और इससे पूरे समाज में एक नया ज्वारभांटा उठ रहा है।