अंतर्राष्ट्रीय | पत्रकारों पर हमले
June 20, 2022इजरायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे
टेली एसयूआर और पान अफ्रीकन टीवी समेत 20 से ज्यादा प्रगतिशील मीडिया संस्थानों ने वक्तव्य जारी कर फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या की निंदा की है।
म ई 11, 2022 को अल-जजीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51-वर्षीय) की इजरायली सुरक्षाबलों ने उस वक्त हत्या कर दी थी, जब वे कब्जाए गए वेस्ट बैंक क्षेत्र में जेनिन शरणार्थी कैंप में हो रही छापेमारी को कवर कर रही थीं। उन्होंने प्रेस जैकेट पहन रखी थी, जिससे साफ समझ में आ रहा था कि वे पत्रकार हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें सीधे चेहरे पर गोली मारी गई। एक और दूसरे फिलिस्तीनी पत्रकार और अकलेह के साथी अली अल-समौदी को भी गोलियां लगी थीं। उन्हें पीठ पर गोलियां मारी गई थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत अब खतरे से बाहर है।
बड़े स्तर के मानवाधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन की प्रतिक्रिया में दुनियाभर के प्रगतिशील मीडिया संस्थानों के समूह ने निम्नलिखित वक्तव्य जारी किया है।
हम, दुनिया के अलग-अलग हिस्से के प्रगतिशील समाचार प्रकाशक, फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा करने वाली इजरायली फौज द्वारा हमारी साथी शिरीन अबु अकलेह की नृशंस हत्या की निंदा करते हैं। शिरीन अल-जजीरा की एक कुशल और संवेदनशील पत्रकार थीं, वे जेनिन शरणार्थी कैंप में इजरायली सुरक्षाबलों द्वारा हिंसक छापेमारी को कवर कर रही थीं, तभी उनके और अन्य पत्रकारों के ऊपर इजरायली स्नाइपर सैनिकों ने हमला किया, जबकि साफ समझ में आ रहा था कि वे पत्रकार हैं। शिरीन ने हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी थी, उन्हें चेहरे पर गोली मारकर मारा गया। उनके साथी अली अल-समौदी को भी गोली मारी गई, जिसमें वे घायल हो गए, लेकिन अब उनकी हालत सुधर रही है।
इजरायली अधिकारियों और मुख्यधारा की मीडिया द्वारा अकलेह की हत्या की जिम्मेदारी इजरायली फौज से स्थानांतरित करने की कोशिशें निंदनीय हैं। ऊपर से उनकी हत्या न ही कोई अपवाद है, न ही कोई दुर्घटना है। पिछले कुछ सालों में फिलिस्तीनी पत्रकारों को लगातार इजरायली राज्य निशाना बना रहा है और उन्हें इजरायली फौज के हाथों हिंसा का शिकार होना पड़ता है। हमें यासेर मुर्तजा याद हैं, जो फिलिस्तीनी वीडियोग्राफर और फोटो पत्रकार थे, जिनकी हत्या गाजा पट्टी में 7 अप्रैल, 2018 को ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न को कवर करते की गई थी। हम फिलिस्तीन के लोगों के साथ खड़े हैं, जो इजरायली नस्लभेद करने वाली सत्ता का लगातार प्रतिरोध कर रहे हैं, हम उन पत्रकारों के साथ भी हैं, जो यह कहानियां सुनाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगाते हैं।
साझा वक्तव्य जारी करने वाले संस्थान :
फिलिस्तीन कॉर्निकल
अजनास प्रेस पोपाइल अयीस्येन (हैती)
एजेंसिया लैटिनो अमेरिकाना डि इनफॉर्मेशियन- एएलएआई
अल-मायादीन (लेबनान)
एआरजी मेडियोस (अर्जेंटीना)
बार्रिकाडा टीवी (अर्जेंटीना)
ब्राजील डे फाटो (ब्राजील)
ब्रेकथ्रू न्यूज (अमेरिका)
कैपाइर
कार्टागो टीवी (अर्जेंटीना)
कोलंबिया इंफॉर्मा (कोलंबिया)
डॉयलोगॉस डो सुल (ब्राजील)
एल सिउडाडानो (चिली)
द इनसाइट न्यूजपेपर (घाना)
जर्नलिस्ट लिवरेस (ब्राजील)
काव्साचुन न्यूज (बोलिविया)
लिबरेशन न्यूज (यूएसए)
मदार
मल्टी पोलारिस्टा
नेटिवा (बोलिविया)
न्यूजक्लिक (भारत)
न्यू फ्रेम (दक्षिण अफ्रीका)
पान अफ्रीकन टेलिविजन (घाना)
पीपल्स डिस्पैच
प्रेसांजा इंटरनेशनल प्रेस एजेंसी
रेडियो रेजिस्टांस (हैती)
रिपोर्टेरॉल डि इंवेस्टिगेसियन (होंडुरास)
रेसुमेन लैटिनोअमेरिकानो (अर्जेंटीना)
शैडोप्रूफ (यूएसए)
टेले एसयूआर टीवी
[न्यूजक्लिक (hindi.newsclick.in) से साभार]