‘आज बाजार में’ – फैज अहमद फैज
March 13, 2023मशहूर क्रांतिकारी शायर के 112वें जन्म दिवस पर उनकी नज्म
चश्म-ए-नम जान-ए-शोरीदा काफी नहीं
तोहमत-ए-इश्क-ए-पोशीदा काफी नहीं
आज बाजार में पा-ब-जौलां चलो
दस्त-अफ्शां चलो मस्त ओ रक्सां चलो
खाक-बर-सर चलो खूं-ब-दामां चलो
राह तकता है सब शहर-ए-जानां चलो
हाकिम-ए-शहर भी मजमा-ए-आम भी
तीर-ए-इल्जाम भी संग-ए-दुश्नाम भी
सुब्ह-ए-नाशाद भी रोज-ए-नाकाम भी
उन का दम-साज अपने सिवा कौन है
शहर-ए-जानां में अब बा-सफा कौन है
दस्त-ए-कातिल के शायां रहा कौन है
रख्त-ए-दिल बांध लो दिल-फिगारो चलो
फिर हमीं कत्ल हो आएं यारो चलो