मजदूर-विरोधी 4 श्रम संहिताएं रद्द करो!
रस्म-अदायगी नहीं, हड़ताल को मजदूर वर्ग के निरंतर, जुझारू व निर्णायक संघर्ष में तब्दील करो!
March 25, 2022
अखिल भारतीय हड़ताल के समर्थन और निर्णायक संघर्ष के आह्वान के साथ मासा का ऑनलाइन कन्वेंशन संपन्न
मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), जो कि देश भर के 16 क्रांतिकारी ट्रेड यूनियन महासंघों व मजदूर संगठनों का साझा मंच है, ने 26 जनवरी 2022 को शाम 5:30 से 8 बजे एक ऑनलाइन कन्वेंशन का सफलतापूर्वक आयोजन किया जिसकी पृष्ठभूमि 23-24 फरवरी 2022 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर होने वाली मजदूरों की अखिल भारतीय हड़ताल थी, जिसकी नई तिथि अब 28-29 मार्च 2022 है।
सम्मेलन का संचालन कॉ. सिद्धांत ने किया और निम्नलिखित वक्ताओं ने इसे संबोधित किया : संजय सिंघवी (महासचिव, ट्रेड यूनियन सेंटर ऑफ इंडिया), अशोक (ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार), मुकुल (मजदूर सहयोग केंद्र), ऐडवोकेट बालन (कर्नाटक श्रमिक शक्ति), पाल सिंह (जन संघर्ष मंच हरियाणा), एस.वी. राव (इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस), श्यामबीर (इंकलाबी मजदूर केंद्र), मुनमुन विश्वास (स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी, प. बंगाल), कन्हाई बरनवाल (आई.एफ.टी.यू. (सर्वहारा)), मोहित (मजदूर सहायता समिति)।
सभी वक्ताओं ने हड़ताल के आह्वान को अपना समर्थन दिया तथा इसकी सफलता के लिए अपने संगठनों की ओर से दृढ़ प्रयासों का वादा किया, लेकिन उन्होंने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की सीमाओं पर भी प्रकाश डाला जिन्होंने बिना किसी निर्णायक व निरंतर कार्रवाई के इस तरह की एक या दो दिवसीय सालाना हड़ताल करना एक रस्म बना दी है। करीब डेढ़ साल पहले संसद में पारित करवाई गई 4 श्रम संहिताओं, जो कि आज़ादी के बाद से भारत के मजदूर वर्ग पर सबसे बड़ा हमला है, को रद्द करने की स्पष्ट मांग को वक्ताओं ने दोहराया। मासा ने अपने इस सम्मेलन के माध्यम से महज सांकेतिक कार्यक्रम व रस्म-अदायगी से आगे बढ़ने और हड़ताल को मजदूर वर्ग के एक निरंतर, जुझारू और निर्णायक संघर्ष में तब्दील करने का आह्वान किया। सम्मेलन का लाइव प्रसारण मासा के फेसबुक पेज पर किया गया जिसे यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।