“मजदूर वर्ग का निरंतर, जुझारू एवं निर्णायक संघर्ष तेज करो”
November 15, 2022मासा के आह्वान पर आईएफटीयू (सर्वहारा) द्वारा संचालित प्रचार अभियान की कुछ झलकियां
मासा के इस आह्वान पर कोई कोई पागल सिरफिरा ही यह कहेगा कि
“जब इसे मजदूर वर्ग के बड़े हिस्से का समर्थन ही नहीं है, तो इस आह्वान से
क्या फर्क पड़ता है?” हम विम्रता से कहना चाहते हैं – “जी हां, फर्क पड़ता है।
यह वही फर्क है जो एक जिंदा व्यक्ति और मरे व्यक्ति में है।”
दिल्ली में बड़ों के संग बच्चे भी हुए सक्रिय
स्टीकर लेकर प्रचार की तैयारी में। ये खुद से ही, आगे जीवन में जो संघर्ष है उनसे मुकाबला करने की तैयारी के भाव से निकले। ये मजदूर बस्तियों के बच्चे हैं और प्राय: कच्ची उम्र में ही मजदूरी करने निकल जाते हैं ताकि अपना और अपने परिवार का पेट पाल सकें