सर्वहारा जनमोर्चा के (एक महिला समेत) 5 कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा फर्जी केस में आधी रात को जबरन गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन

December 20, 2022 0 By Yatharth

जमीनी रिपोर्ट | गया, बिहार

विगत 14 दिसंबर 2022 को बिहार के गया जिला के नावां गांव (बोधगया थाना) में पुलिस ने आधी रात गए ‘सर्वहारा जनमोर्चा’ के 5 सदस्यों, जिसमें एक महिला भी शामिल हैं, को उनके घरों में घुस कर गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी विगत 18 अगस्त के महीने में हुई उस घटना से जुड़ी है, जिसमें नावां गांव की अनुसूचित जाति बस्ती में कुछ हथियारधारी दबंग गुंडे गांववासियों की जमीन कब्जा करने के मकसद से घुस आये थे। उन्होंने निहत्थे गांव वालों पर गोलियां तक चलायीं लेकिन गांव वालों ने निर्भीकता से उनका सामना किया और अंततः उन्हें खदेड़ दिया। गौरतलब है कि ये दबंग गांववासियों की बहुसंख्यक जमीन पर पहले से कब्जा किए बैठे हैं और अब गांववासियों की आवासीय जमीन जहां वे दशकों से रह रहे हैं पर भी कब्जा करने की फिराक में हैं। इस घटना के बाद क्रमशः गांववालों, दबंगों और पुलिस ने एफआईआर दर्ज किए। हालांकि पुलिस ने जमीन कब्जा करने वाले दबंगों पर कार्रवाई करने के बजाय निर्दोष और पीड़ित गांववालों को ही जेल में डाल दिया। गांववालों की एफआईआर सबसे पहले होने के बावजूद दबंगों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि गोलियां पुलिस की मौजूदगी में ही चली थी। इन बलात गिरफ्तारियों के बाद गांववालों ने पीछे हटने के बजाय लड़ाई को व्यापक स्तर पर ले जाने का निश्चय किया। इसकी पहली कड़ी में उन्होंने गया एसएसपी कार्यालय के समक्ष धरना दिया (एसएसपी के नाम प्रतिवेदन पत्र नीचे प्रस्तुत है), जो तब तक चला जब तक एडिशनल एसपी से मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने गांव वालों द्वारा दर्ज एफआईआर पर कुछ दिनों के भीतर कार्रवाई शुरू करने का आश्वासन दिया है। सर्वहारा जनमोर्चा ने राजसत्ता का असली चेहरा जनता के सामने लाने की ठान ली है। यह संघर्ष एक लड़ाई से थमने वाला नहीं है।

महोदया,

उचित सम्मान के साथ हम आपको यह सूचित करना चाहते हैं कि आज 14 दिसंबर 2022 को रात 1 बजे कथित तौर पर बोधगया थाना की पुलिस ने नावां गांव में 5 लोगों को, जिसमें एक महिला भी शामिल हैं, बिना कोई आवश्यक जानकारी दिए रात के अंधेरे में घरों में घुसकर गिरफ्तार कर लिया। इन 5 व्यक्तियों के नाम हैं – रीता देवी, विभीषण चौधरी, धर्मेंद्र चौधरी, बुद्धलाल मांझी, दुखन मांझी। हमारी आशंका है कि यह गिरफ्तारियां कुछ महीने पहले जमीन कब्जाने की मंशा से आए दबंगों के विरोध के मामले से संबंधित है। मामला यह है कि 18 अगस्त 2022 के दिन कुछ स्थानीय दबंग झुंड बना कर हथियारबद्ध रूप से नावां गांव की हमारी एक अनुसूचित जाति (SC) बस्ती में घुस आए तथा जबरन जमीन कब्जा करने के इरादे से गुंडागर्दी करने लगे। इसका विरोध करने आए पुरुष व महिला गांववासियों के साथ उन दबंगों ने न सिर्फ हाथापाई की बल्कि गांववालों पर फायरिंग भी की। यह पूरी वारदात स्थानीय पुलिस के सामने ही घटित हुई जिसका वीडियो प्रूफ भी मौजूद है। हालांकि गांव की जनता ने संगठित होकर गुंडों का बहादुरी से सामना किया जिसके बाद ही वो वहां से भाग खड़े हुए। जनता ने इस घटना को लेकर बोधगया थाने में प्राथमिकी (संख्या 507/22) भी दर्ज कराई। हालांकि इसके बाद दबंगों के पक्ष से गांववासियों के खिलाफ ही बेबुनियाद आरोप व झूठे वृतांत के आधार पर एक प्राथमिकी (संख्या 513/22) दर्ज करा दी गई। इसके अतिरिक्त पुलिस ने दबंगों के खिलाफ जो प्राथमिकी (संख्या 515/22) स्वतः दर्ज की उसमें भी बिना किसी आधार के मासूम व पीड़ित गांववासियों में से भी कुछ को आरोपियों के रूप में नामजद कर दिया गया, जबकि उनके निरपराध होने के सबूत (वीडियो व गवाहों के रूप में) मौजूद हैं जिन्हें साक्ष्य के रूप में पेश भी किया जा सकता है। हमारा मानना है कि उसी झूठी प्राथमिकी के आधार पर इन 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो कि असल में मासूम ही नहीं पीड़ित पक्ष भी हैं। और तो और पुलिस ने एक महिला को आधी रात के 1 बजे उसके घर में घुस कर गिरफ्तार किया है जो कि प्रथम दृष्टया कानून के सरासर विरुद्ध है। दूसरी तरफ, पुलिस असली आरोपियों व दबंगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। अतः हम निम्नलिखित मांगों के साथ यह प्रतिवेदन पत्र आपको इस उम्मीद के साथ दे रहे हैं कि एक तरफ हमारी जमीन कब्जाने की फिराक में गुंडागर्दी कर रहे दबंगों और दूसरी तरफ उनपर ठोस कार्रवाई करने के बजाए हमारा ही उत्पीड़न कर रही स्थानीय पुलिस के बीच फंस चुके हम गांववासियों की इन मांगों पर त्वरित कार्रवाई होगी, अन्यथा जनता के पास जनतांत्रिक रूप से व्यापक तौर पर इसका राजनीतिक प्रतिरोध खड़ा करने के अलावा कोई और उपाय नहीं बचेगा। हमारी मांगे इस प्रकार हैं:

1. दबंग पक्ष द्वारा दर्ज की गई झूठी प्राथमिकी (FIR 513/22) तथा पुलिस द्वारा स्वतः दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR 515/22) जिसमें गांववासियों के भी नाम आरोपियों के रूप में दर्ज हैं, को अविलंब निरस्त किया जाए।

2. अवैध रूप से गिरफ्तार किए गए 5 गांववासियों को अविलंब रिहा किया जाए।

3. दबंगों द्वारा कब्जाई जा चुकी हमारी जमीनें हमें वापस करने हेतु (जिसके लिए हम तमाम आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं) तथा जमीन कब्जाने की मंशा से गुंडागर्दी कर रहे दबंगों के खिलाफ हमारी प्राथमिकी (FIR 507/22) के तहत त्वरित कार्रवाई की जाए।

4. पीड़ित गांववासियों को स्थानीय पुलिस सहयोग देने के बजाए परेशान करना तत्काल बंद करे।