’23 मार्च’ – अवतार सिंह ‘पाश’

March 13, 2023 0 By Yatharth

पंजाबी के प्रगतिशील कवि की 35वीं मृत्यु वार्षिकी पर भगत सिंह की शहादत पर लिखी उनकी कविता

उसकी शहादत के बाद बाकी लोग

किसी दृश्य की तरह बचे

ताजा मुंदी पलकें देश में सिमटती जा रही झांकी की

देश सारा बच रहा बाकी

उसके चले जाने के बाद

उसकी शहादत के बाद

अपने भीतर खुलती खिड़की में

लोगों की आवाजें जम गयीं

उसकी शहादत के बाद

देश की सबसे बड़ी पार्टी के लोगों ने

अपने चेहरे से आंसू नहीं, नाक पोंछी

गला साफ कर बोलने की

बोलते ही जाने की मशक की

उससे सम्बन्धित अपनी उस शहादत के बाद

लोगों के घरों में, उनके तकियों में छिपे हुए

कपड़े की महक की तरह बिखर गया

शहीद होने की घड़ी में वह अकेला था ईश्वर की तरह

लेकिन ईश्वर की तरह वह निस्तेज न था