8 फरवरी ‘मजदूर प्रतिरोध दिवस’ देश भर में सफलतापूर्वक संपन्न

March 1, 2024 0 By Yatharth

8 फरवरी 2024 को भारत में 17 संघर्षशील और क्रांतिकारी श्रमिक संगठनों/यूनियनों के समन्वय मंच, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) ने सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ और देश में मेहनतकश जनता की जायज मांगों को लेकर पूरे देश में “मजदूर प्रतिरोध दिवस” मनाया। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और 40 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पटना, जयपुर आदि विभिन्न राजधानियों, गुड़गांव-मानेसर, रुद्रपुर-हरिद्वार, गोदावरी बेसिन कोयला बेल्ट आदि जैसे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में और अलग-अलग जिला मुख्यालयों में रैलियां, प्रदर्शन और कार्यक्रम एक साथ आयोजित किए गए।

“मजदूर प्रतिरोध दिवस” की मुख्य केंद्रीय मांगें  निम्नलिखित हैं –

  • चार नई श्रम संहिताओं को वापस लिया जाए! मजदूर हित में श्रम कानूनों में सुधार किया जाए, सभी मजदूरों के लिए श्रम कानून की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए!
  • निजीकरण पर रोक लगाई जाए! बुनियादी क्षेत्रों और सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए!
  • सभी के लिए रोजगार की, सुरक्षित व स्थाई आय की व्यवस्था की जाए! स्कीम वर्करों (आशा, आंगनवाड़ी, भोजन माता आदि), घरेलु कामगार, आई टी श्रमिक, गिग वर्कर को ‘मजदूर’ का दर्जा देकर सभी श्रम कानूनों का सुरक्षा और सम्मानजनक वेतन दिया जाये!  निर्माण व ग्रामीण मजदूरों के लिए साल भर काम, सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक वेतन हो!
  • यूनियन बनाने और संगठित होने का अधिकार, हड़ताल-प्रदर्शन का अधिकार सुनिश्चित किया जाये!
  • महीने में 26 हजार रुपये न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए! सभी के लिए सम्मानजनक निर्वाह मजदूरी सुनिश्चित किया जाये!  
  • धार्मिक-जातिगत-लैगिक भेद-भाव व धार्मिक नफरत की राजनीति बंद की जाए! धर्म को निजी मामला मानते हुए उसका राजनैतिक प्रदर्शन बंद किया जाए!

इन मुख्य मांगों के साथ-साथ मेहनतकश जनता के लिए क्षेत्रीय स्तर की विभिन्न मांगें भी उठाई गईं और भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजे गए।

8 फरवरी को देशव्यापी स्तर पर देश के विभिन्न हिस्सों में किये गए विरोध प्रदर्शनों से पहले, देश भर के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टरिंग, पर्चे, नुक्कड़ बैठकें, नुक्कड़ थिएटर, रैलियां आदि के माध्यम से एक महीने का प्रचार अभियान चलाया गया। मासा के घटक संगठनों ने व्यक्तिगत रूप से और संयुक्त रूप से इस अभियान में भाग लिया। साथ ही सोशल मीडिया में भी कैंपेन चलाया गया।

दिल्ली में, जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें कारखाने के श्रमिकों, घरेलू श्रमिकों, सफाई कर्मी, गिग श्रमिकों और विभिन्न असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों ने भाग लिया। यह प्रदर्शन दिल्ली में MASA के घटकों – IMK, MSK, IFTU (सर्वहारा), GMU, TUCI, MSS – द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें MEC, लोकपक्ष, SKM, AIFTU (न्यू) आदि जैसे अन्य संघर्षरत और क्रांतिकारी श्रमिक संगठन/यूनियन भी शामिल हुए थे।

बिहार में, राज्य की राजधानी पटना और रोहतास जिले में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। पटना में, देशव्यापी “मजदूर प्रतिरोध दिवस” के अवसर पर बिहार में काम करने वाले चार मजदूर संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में कंकड़बाग के मलाही पकड़ी और हनुमान नगर तथा सिपारा से मजदूरों का गगनभेदी नारे लगाते हुए जुलूस निकला जो बुद्ध स्मृति पार्क, पटना जंक्शन पहुंच कर एक सभा में बदल गया। सभा में सैकड़ों की संख्या में निर्माण मजदूर व बिहार के अन्य राज्यों से ग्रामीण मजदूर उपस्थित थे। आयोजकों में से दो संगठन – IFTU(सर्वहारा) और GMU बिहार – मासा के घटक संगठन हैं तथा अन्य दो मजदूर संगठन – AIFTU(न्यू) और बिहार निर्माण एवं असंगठित श्रमिक यूनियन – ने एकजुटता प्रकट करते हुए आयोजक के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम की तैयारी में पूरे पटना शहर में पिछले चार दिनों से संयुक्त रूप से सघन प्रचार अभियान चलाया गया जिसके तहत विभिन्न नुक्कड़ों एवं चौराहों पर सभाएं आयोजित की गईं। प्रचार अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर पर्चा वितरण भी किया गया।

पश्चिम बंगाल में, फरवरी महीने में माध्यमिक परीक्षाएं होने के कारण, कार्यक्रम गत 20 जनवरी के दिन किया गया।  कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 1 बजे कोलकाता के मौलाली मोड़ पर एक विरोध सभा के साथ हुई और फिर राजभवन, धर्मतला की ओर एक रैली आयोजित की गई। एक प्रतिनिधि मंडल डिमांड चार्टर के साथ राज्यपाल से मिलने गया और इस बीच धर्मतला में सभा जारी रही। रैली में एक हजार से अधिक की संख्या में कोयला, चाय, जूट, इंजीनियरिंग, आईटी-आईटीईएस, बीएसएनएल और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों के श्रमिकों के साथ-साथ, गिग श्रमिक, घरेलू कामगार, परिवहन श्रमिक, मनरेगा श्रमिक और विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिक शामिल हुए। 8 फरवरी को भी कोलकाता के विभिन्न होजरी-जूट-कॉटन-टेक्सटाईल फैक्ट्रियों में फैक्ट्री स्तर के कार्यक्रम आयोजित किये गये। प. बंगाल में “मजदूर प्रतिरोध दिवस” मासा के घटक संगठनों – SWCC, लाल झंडा मजदूर यूनियन, IFTU (सर्वहारा) एवं TUCI – द्वारा आयोजित किया गया।