मजदूर वर्ग के क्रांतिकारी स्वरों एवं विचारों का मंच
हालांकि नस्लवाद, जातिवाद, राष्ट्रवाद, आदि अलग-अलग समस्याएं हैं और इनकी अपनी अलग विशिष्टतायें हैं, परंतु नीचे दिया गया अंश इस बात का एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि एक क्रांतिकारी पार्टी को अपने भीतर इन प्रभुत्ववादी प्रवृत्तियों से निपटने के लिए कैसे एक सजग एवं सिद्धांत पर दृढ़ पार्टी के रूप में संघर्ष चलाना चाहिए। यह इसलिए भी खास है कि भारतीय समाज में ये सभी प्रवृत्तियां अभी गहराई तक मौजूद हैं